14 जोड़ों का सामूहिक विवाह चैनपुरा क्षेत्र में

12 दिसंबर 2024 को चैनपुरा स्तिथ जमनाला बेरा में सामूहिक विवाह का आयोजन रखा गया है। सम्मेलन में 14 जोड़े परिणय सूत्र में बंधने वाले है। आयोजक नीरू-मनोहर सिंह टाक ने बताया कि विवाह सम्मेलन को लेकर शनिवार को पूर्व JDA चेयरमैन राजेंद्र सिंह सोलंकी को निमंत्रण दिया गया। 

विवाह समारोह में 11 दिसंबर सुबह 10 बजे हल्दी रस्म  का कार्यक्रम रखा गया है। शाम 5 बजे घृतपान के बाद बंदोली, मायरा, सगाई दस्तूर, महिला संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन रखा गया है। 12 दिसंबर को सुबह 10:15 बजे आर्य समाज मंदिर से दूल्हों की सामूहिक बारात प्रस्थान करेगी। वहीं दोपहर की 12 बजे बरात स्वागत और तोरण की रस्म के बाद, वर्णमाला और आशीर्वाद का कार्यक्रम भी रखा गया है। वहीं दोपहर 2 बजे वैदिक रीती रिवाज से पाणिग्रहण संस्कार के बाद शाम 5 बजे विदाई का कार्यक्रम रखा गया है।

सामूहिक विवाह का आयोजन जिसमें एक स्थान पर कई सारे जोड़े विवाह करते हैं। यह आयोजन सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थान, सरकार आदि द्वारा आयोजित किया जाता है। सामूहिक विवाह का मुख्य उद्देश्य उन परिवारों की सहायता करना है जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर होते हैं। वह विवाह जैसे महंगे आयोजन का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होते है। 

सामूहिक विवाह के मुख्य उद्देश्य

आर्थिक सहायता – सामूहिक विवाह के परिवारों को महंगे खर्च से बचाने में मदद करता है

सामाजिक समानता – सामूहिक विवाह का आयोजन जाति, धर्म और वर्ग की सीमाओं को मिटाने में मदद करता है जिसमें हर जाति, हर परिवार एक समान समझा जाता है और सभी को समान अवसर और सम्मान मिलता है।

समाज को जागरूक करना – सामूहिक विवाह हमें यह सिखाता है कि विवाह को सादगी और सरलता से भी किया जा सकता है बिना किसी फिजूल खर्च के, जिसमें बिना किसी दिखावे से हम कम खर्चे में विवाह कर सकते हैं।
सामाजिक जुड़ाव – सामूहिक विवाह के दौरान कई परिवार एक साथ, एक ही जगह पर आते हैं जिससे समाज में एकता और भाईचारे का संदेश मिलता है।
सादगी का संदेश – सामूहिक विवाह हमें यह प्रेरणा देता है कि दिखावे और फिजूलखर्ची से बचा जा सकता है।
सकारात्मक प्रभाव – सामूहिक विवाह दहेज प्रथा, जातिवाद और समाज में भेदभाव जैसी कुरीतियों को समाप्त करने का एक सकारात्मक कदम है।
सामूहिक विवाह एक सराहनीय प्रयास है जिसमें समाज में सादगी, समानता और आपसी भाईचारा का संदेश मिलता है जिसमे गरीब परिवारों के लिए एक वरदान और समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है। ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देना, हम एक बेहतर और सशक्त समाज का निर्माण कर सकते है।

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