खम्मा घणी दोस्तों आपका स्वागत है हमारे न्यू ब्लॉग में और आज दोस्तों हम बात करने वाले हैं गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। यह दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है और यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की भक्ति, प्रकृति के प्रति आभार और समर्पण का प्रतीक है।
कहा जाता है कि इस दिन इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोरधन पर्वत को उठाया था। उन्होंने यह संदेश दिया की, प्रकृति और मेहनत का सम्मान करना चाहिए। ना कि अहंकार और आवश्यक आडंबरों का।
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर या मिट्टी से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है और फिर उसकी पूजा की जाती है। इस स्वरूप को अन्नकूट का विशेष महत्व है जिसमें अनेकों प्रकार के पकवान भी बनाए जाते हैं और भगवान कृष्ण को भोग भी लगाया जाता है।
इस दिन दोस्तों खास तौर पर दूध, घी, मक्खन, दही आदि से पकवान बनाये जाते है। दोस्तों इस व्लॉग को देखिये हमारे यूट्यूब पर जिससे आपको पता चलेगा कि हम लोगों ने किस तरीके से यह त्यौहार मनाया है तो जल्दी से जाकर हमारे इस वीडियो को देखिये जिससे आपको बहुत ज्यादा मजा आने वाला है।